अच्छाई की मूर्ति
जो बनी गरीब बच्चों का सहारा,
जो बनी छोटे बच्चों के आँखों का तारा|
जिन्होंने अमीर गरीब सबको एक जैसा माना,
जिन्होंने कुछ अच्छा काम करने का ठाना|
जिन्होंने गरीब बच्चों को रास्ते से उठाकर स्कूल में लाया,
और उन्हें अच्छे से अच्छे शिक्षा प्रदान कराया|
उन्होंने बीमार बच्चों का ईलाज करवाया,
और उनके जल्दी स्वस्थ होने का बंदोबस्त करवाया|
जिन्होंने गरीब बच्चों को खिलाया, पिलाया और पढ़ाया,
और जिन्होंने लाखों बच्चों का भविष्य सँवारा|
जो महिला करने निकली थी क्रांति,
प्यार से सब उन्हें बुलाने लगे थे “आंटी”|
जिन्होंने असेंबली ऑफ गाॅड चर्च स्कूल का किया फाउंडेशन,
नाम था उनका “आंटी” हल्दाह बंटेन|
— वरूण श्रीवास्तव – 10 B